दिल पे चोट देना आदत हे जमाने की ,
हम आपको बिल्कुल नही याद करते ,
याद किसी को करना निशानी हे भूल जाने की
रिश्तों की डोरी कमज़ोर होती है ,
आंखों की बातें दिल की चोर होती है ,
खुदा ने जब भी पुचा दोस्ती का मतलब ,
हमारी ऊँगली आपकी और होती है ।
मैं वोही हूँ जिसे तुम प्यार किया करते थे
दिन मैं सौ बार मेरा नाम लिया करते थे
आज क्या बात हाय क्यूँ मुझ से खफा बेठे हो
क्या किसी और को दिल अपना बना बेठे हो ?
मन के ये गम है कोई सौगात नही ,
तुम हमें अपना कहो ऐसे भी हालात नही ,
अगर भूल गए हो , तो कोई बात नही ,
ज़ख्म तो पहले भी इस दिल पे लगा करते थे ,
दर्द जो तुमने दिए वो सब तुम को लौटा दौन ,
गर भूल गए हो To ये बतला दौन
तुम मुझे हासिल -ऐ - अरमान कहा करते थे ,
मैं वोही हूँ ,,,जिसे तुम प्यार किया करते थे ..
बहुत चाह उससे मगर वो मिला ही नही ,
लाख कोशिश की मगर फासला मिटा ही नही ,
उस्सको ज़माने ने इस कदर मजबूर कर दिया ,
की वो मेरी किसी सद्दा पे ठहरा ही नही ,
हर एक से पुचा सबब उस के न मिलने का ,
हर एक ने कहा वो तेरे लिए बना ही नही ,
में तमाम कोशिशों के वाबजूद हार गई ,
और वो उससे मिल गया जिसने उससे माँगा ही नही ,
इतनी शिद्दत से चाह उससे और वो किसी और का हो गया ,
शायद इस जहाँ में वफ़ा का कोई सिला ही नही .
निगाहों में और कोई दोस्ती के काबिल न रहा ,
इस किनारे का और कोई साहिल न रहा ,
चाँद जैसा दोस्त मिला हमें ज़मीं पर ,
आसमा का चाँद भी अब दीदार के काबिल नही रहा .
मत कर यकीन सिर्फ़ अपने हाथो की लकीरों पे ..,
तकदीर तो उनकी भी होती है जिनके हाथ नही होते !!!
मुझसे मत पुच मेरे हमदम मेरे दिल की बात
इस में कुछ परदा नशिनू के नाम आते हैं
हम तो दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है ,
जिस तरफ़ चल परेंगे रास्ता हो जाएगा
यह नक्शा हो गया है मेरा सोडा -ऐ -मोहब्बत मे
मेरी सूरत मेरे यारो से पहेचानी नही जाती …।
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